राजस्थान के चर्चित भंवरी देवी हत्याकांड मामले में ATSने इंदिरा विश्नोई को मध्य प्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया. CBI की आंखों में धूल झोंकने के लिए करोड़ों की जायदाद की मालकिन इंदिरा जोधपुर की आलीशान हवेली छोड़कर एक संन्यासी की झूठी जिंदगी जी रही थी.
इंदिरा विश्नोई देवास के करीब 150 किलोमीटर दूर नेमावर में नर्मदा के तट पर राजस्थान के ही एक पराशर परिवार के पास रह रही थी. पिछले 200 सालों से जोधपुर का ये पराशर परिवार देवास में रहता है. इंदिरा ने यहां अपना नाम बदलकर गीताबाई रख लिया था. गीताबाई बन चुकी इंदिरा दिखावे के लिए नर्मदा के तट पर बने एक आश्रम में पूजा-पाठ के लिए आती थी.
इंदिरा से शुरूआती पूछताछ में पता चला है कि जेल में बंद पूर्व विधायक और इंदिरा के भाई मलखान सिंह विश्नोई ने उसके लिए सारा इंतजाम किया था. इंदिरा से पूछताछ जारी है. इंदिरा आसपास के इलाकों में जाकर चोरी-छिपे अपने बेटे और पति से भी मिलती रहती थी. इंदिरा स्थानीय लोगों से कम ही बातचीत करती थी.
भंवरी देवी का सम्बन्ध राजस्थान की नट बिरादरी से था. वह जोधपुर के नजदीक पैनन कस्बे के एक सरकारी अस्पताल में बतौर नर्स काम करती थी. उसकी शादी हो चुकी थी. मॉडलिंग और राजस्थानी एल्बम को सीढ़ी बनाकर भंवरी राजस्थानी फिल्मों की हीरोईन बनने का सपना पाले बैठी थी. अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए वह कुछ भी कर सकती थी. गांव के अस्पताल में वही एकमात्र नर्स थी जो अक्सर ड्यूटी से गायब रहती थी. गांव वालों की शिकायत पर भंवरी देवी को नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया था.
सस्पेंड होने के बाद वह कांग्रेस विधायक मलखान सिंह और महिपाल सिंह के संपर्क में आई और दोनों की विश्वासपात्र बन गयी. उन दोनों ने ही भंवरी को राजस्थान के जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा से मिलवाया था.
भंवरी देवी के संबंध पूर्व विधायक मलखान सिंह से थे. इसलिए भंवरी को मलखान के परिवार में कोई पसंद नहीं करता था. इसका फायदा उठाकर इंदिरा भंवरी के नजदीक आ गई और दोनों में दोस्ती हो गई. इंदिरा भंवरी के घर भी आने-जाने लगी. उसने अपने भाई मलखान सिंह को मंत्री बनाने के लिए पूर्व मंत्री महिपाल मदरेणा को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. इंदिरा ने भंवरी की ननद गुड़िया के साथ मिलकर महिपाल मदरेणा की सेक्स सीडी बनाने की योजना बनाई, मगर बाद में गुड़िया ने इससे इंकार कर दिया. इसके बाद इंदिरा ने भंवरी को सेक्स सीडी बनाने के लिए इस्तेमाल किया.
मलखान सिंह और इंदिरा के पिता पूर्व मंत्री राम सिंह विश्नोई जोधपुर के कद्दावर नेता थे. राम सिंह के मरने के बाद इंदिरा भाई को भी रास्ते से हटाने की योजना बनाने लगी. उसने भाई मलखान सिंह को फंसाने के लिए भंवरी को आगे कर दिया. उसने दावा किया कि भंवरी की छोटी बेटी मलखान सिंह की बेटी है. दरअसल इंदिरा खुद ही मंत्री बनना चाहती थी. आखिर में जब इंदिरा का सारा गेम प्लान खुल गया और भंवरी खुद ही सौदेबाजी करने लगी तो इंदिरा ने आरोपी महिपाल मदरेणा और भाई मलखान सिंह के साथ मिलकर भंवरी का अपहरण करवाकर उसकी ही हत्या करवा दी. ताज़ा अपडेट पाने के लिए हमारे पेज को लाइक करें